Monday, July 19, 2021

यूनानी चिकित्सक और उनके अधिकार:- डॉ एस एम हुसैन

 *यूनानी चिकित्सक और उनके अधिकार:- डॉ एस एम हुसैन*


लखनऊ ।


आल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस युथ विंग की तरफ़ से लखनऊ के बालागंज रौनक प्लाजा में एक प्रोग्राम शीर्षक यूनानी डाक्टर्स और उनके अधिकार और विशेषअधिकारों पर एक टॉक शो का आयोजन किया गया । 



जिसकी अध्यक्षता डॉ निहाल ने की ।और जिसमे मुख्य मेहमान के रूप में डॉ सलमान खालिद और डॉ खान मुबशशिर ने किया।


इस प्रोग्राम में वक्ता( स्पीकर) के रूप में *डॉक्टर *एस एम हुसैन*  सेक्रेटरी जनरल *ग्लोबल यूनानी मेडिसिन फाउंडेशन शिकागो यू एस ए(USA)* ने बताया कि कोई यूनानी डॉक्टर अगर एलोपैथी प्रैक्टिस करना चाहता है तो उसको वहा की स्टेट गवर्मेन्ट उनको परमिशन देती है 

आपने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के एक ऑर्डर 1998 में डिसिशन दिया है कि अगर कोई आयुर्वेदिक या यूनानी डॉक्टर एलोपैथी प्रैक्टिस करना चाहता है तो उसके लिए  स्टेट गवर्मेन्ट अगर चाहे तो उसको ये अधिकार दे सकती है

जैसे कि गवर्मेन्ट ऑफ महाराष्ट्र ने अपने स्टेट में ये परमिशन दिया है।

आपने बातया की एक यूनानी डॉक्टर को एलोपैथी प्रैक्टिस करना उसका राइट नही है बल्कि प्रिविलेज है।




यह प्रोग्राम को ऑनलाइन  भी किया गया जिसमें जुड़े हुए डिक्टरों के सवालों के जवाब भी दिये गए।


इस मौके पर डॉ सऊद अहमद डॉ मोहम्मद सादिक डॉ सामर्थ मिश्रा डॉ आरिफ खान उपस्थित रहे

और

प्रोग्राम के कन्वेनर डॉ फुरकान रज़ा ने सभी का आभार व्यक्त किया ।

Saturday, July 3, 2021

उच्च रक्तचाप यानी साइलेंट किलर राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस पर खास

 *उच्च रक्तचाप यानी साइलेंट किलर*

राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस पर खास 


1 जुलाई  यानी  राष्ट्रीय डॉक्टर डे  

 यह खास दिन डॉक्टरों के महत्वपूर्ण योगदान को याद करने के लिए मनाया जाता है. भारत में हर साल 1 जुलाई को महान चिकित्सक डॉ बिधान चंद्र रॉय और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री की जयंती और पुण्यतिथि के सम्मान में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctor's Day ) मनाया जाता है । इसी विशेष दिन पर आज हम हाई ब्लड प्रेशर कैसे और किस तरह से नुकसान पहुंचाता है. 

आइए जानते हैं  


*बलरामपुर हॉस्पिटल लखनऊ*  में कार्यरत *डॉक्टर  मोहम्मद युसूफ अंसारी  कंसल्टेंट कार्डियोलॉजिस्* का सुझाव 



आज की इस मॉडर्न लाइफस्टाइल और  हाइब्रिड जीवन शैली में कम उम्र में लोग कई बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। ब्लड प्रेशर भी एक ऐसी ही स्थिति है जिसका बढ़ना और घटना दोनों खतरनाक है।

आमतौर पर लोग रक्तचाप को लेकर अधिक गंभीरता नहीं दिखाते हैं, पर कोई भी परेशानी होने पर डॉक्टर्स सबसे पहले ब्लड प्रेशर ही जांचते हैं। इससे साफ पता चलता है कि बीपी लेवल काबू में रहना कितना आवश्यक है।

ब्लड प्रेशर की बीमारी इतनी खतरनाक बन चुकी है कि इसे साइलेंट किलर भी कहा जाने लगा है।


क्योंकि यह बीमारी बिना कोई लक्षण दिखाए, धीरे-धीरे आपके अंदर गंभीर बीमारियों को बढ़ावा देने लगता है


आर्टिरियल टेंशन जिसे आम भाषा में ब्लड प्रेशर यानी नसों में खून द्वारा डाला गया प्रेशर कहा जाता है, इस को  आमतौर पर लोग ज्यादा अहमियत नहीं देते हैं। लेकिन इसका बढ़ना कई बीमारियों को बुलावा दे सकता है। ऐसे में रक्तचाप का स्तर जांच करवाते रहना जरूरी है।

बता दें कि सामान्य ब्लड प्रेशर (Normal BP Reading) 120/80 mm Hg को माना जाता है। स्लैश के ऊपर वाले अंकों को सिस्टॉलिक ब्लड प्रेशर और निचले हिस्से को डायस्टॉलिक ब्लड प्रेशर कहते हैं।

रक्तचाप का स्तर 140/90 होने पर माना जाता है कि व्यक्ति का ब्लड प्रेशर हाई है। और, 180/110 को  गंभीर हाइपरटेंशन माना जाता हे ।

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन हाई ब्लड प्रेशर को 130/80 या उससे अधिक मानता है।


*उच्च ब्लड प्रेशर लेवेल का सामान्य  होना क्यों जरूरी है*


जो लोग हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित होते हैं, उनके हृदय को दूसरे जरूरी अंगों तक खून पहुंचाने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है अगर दिल पर  लंबे समय तक दबाव अधिक बना रहेगा तो इससे शरीर पर बुरा असर पड़ेगा। हाइपरटेंशन हृदय रोग व किडनी फेलियर, स्ट्रोक, हार्ट अटैक के खतरा बढ़ाता है। गंभीर मामलों में इसके कारण मरीज की मौत भी हो सकती है।

  डॉक्टर अंसारी साहब के स्टूडेंट डॉ एजाज़ अली बताते है कि हाइपरटेंशन पुरुषों और महिलाओं में एक बड़ी समस्या है. साल 2017 में नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक, हर आठ भारतीयों में से एक को हाइपरटेंशन की समस्या है. यानी भारत की 20 करोड़ आबादी हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी से ग्रसित है.

और नेशनल  इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ के एक अध्ययन से पता चलता है कि 19 प्रतिशत युवा वयस्कों में उच्च रक्तचाप होता है । इसीलिए  भारत में उम्र से पहले होने वाली मौतों में हाई ब्लड प्रेशर भी एक बहुत बड़ा कारण है. 



*कैसे काबू करें रक्तचाप:*

डॉ अन्सारी का कहना है कि हाइपरटेंशन के खतरे को कम करने के लिए लोगों को अपने सोडियम की खुराक पर लगाम लगाना चाहिए। इसके मुताबिक लोगों को दिन भर में 1500 mg सोडियम से ज्यादा नहीं खाना चाहिए। क्योंकि रक्तचाप नियंत्रित तभी रहेगा जब शरीर में सोडियम और पोटैशियम का अनुपात संतुलित होगा।


डैश डाइट (DASH diet: Dietary Approach to Stop Hypertension) का पालन  करें जिसमें फल, सब्जी और बिना या कम फैट वाली चीजों के खाने को बताया गया है।

अगर आप का वजन ज़्यादा है तो वजन वजन घटाएं,

मेडिटेशन करे , एरोबिक एक्सरसाइज करे

अल्कोहल का सेवन और स्मोकिंग* कम करें.

आई यू एफ (इंटरनेशनल यूनानी फोरम) ने किया सम्मान समारोह का आयोजन

 *आई यू एफ (इंटरनेशनल यूनानी फोरम) ने किया सम्मान समारोह का आयोजन।* आई यू एफ IUF (इंटरनेशनल यूनानी फोरम)  एशिया चैप्टर की तरफ़ से एक सम्मान स...